Kiwi Production : अब राजस्थान में भी संभव हैं कीवी की खेती : होगी लाखों की कमाई

Kiwi Production : भारत में कीवी उत्पादन एक बहुत ही व्यापारिक महत्वपूर्ण खेती है। कीवी के फल बाजार में अच्छी कीमत मिलने के कारण इसकी खेती करने वाले किसान भाई अच्छी कमाई कर सकते हैं। कीवी का फल भी स्वास्थ्यवर्धक है। कीवी, एक विदेशी फल, विटमिन सी, विटमिन ई, फाइबर, पोटेशियम, कॉपर, सोडियम और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों की वजह से कीवी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और कई बीमारियों को दूर करने में मदद करता है।

Kiwi Production

कीवी खेती के बारे में जानें।

कीवी के फल को डेंगू का इलाज मानते हैं। गुणों की वजह से देश और दुनिया में इसकी बहुत मांग है। इसकी बढ़ती मांग के कारण भारत में भी इसकी खेती तेजी से हो रही है। किसान भाई, आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से कीवी खेती और बागवानी के बारे में जानेंगे।

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किवी फल खाने के लाभ

डॉक्टरों ने कीवी फल खाने की सलाह दी क्योंकि इसके कई लाभ हैं। इसलिए बड़े शहर इस फल की मांग करते रहते हैं। कीवी फल की कीमत अधिक होने के बावजूद यह बाजार में अच्छी तरह बिकता है।

  • कीवी में विटामिन सी, विटामिन ई, पोटेशियम, कॉपर, सोडियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट बहुत होते हैं।
  • संतरे से 5 गुना अधिक विटामिन सी कीवी फल में होता है।
  • कीवी में मौजूद विटामिन सी हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जो कई बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
  • डेंगू बुखार में इस फल की मांग बढ़ जाती है।
  • कीवी फल भी आपके सौंदर्य को बढ़ाते हैं। इसे खाने से मुहांसे दूर होते हैं और त्वचा चमकती है।
  • कीवी के फल खाने से आपके बाल भी स्वस्थ रहते हैं, बाल झड़ते नहीं हैं और चमकदार होते हैं।

भारत में कीवी खेती करने वाले सबसे बड़े राज्य

चीनी कीवी को चाइनीज गूजबैरी भी कहा जाता है क्योंकि वे मुख्य रूप से चीनी फल हैं। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नागालैंड, केरल, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश और मेघालय भारत में कीवी की खेती करने वाले सबसे बड़े राज्य हैं। न्यूजीलैंड, इटली, अमेरिका, चीन, जापान, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, चिली और स्पेन में भी कीवी का व्यापक उत्पादन होता है।

कीवी खेती और बागवानी के लिए सर्वश्रेष्ठ ट्रैक्टर

ये चार ट्रैक्टर भारत में कीवी बागवानी के लिए सर्वश्रेष्ठ हैं। किसान इन ट्रैक्टरों को बहुत पसंद करते हैं- ये ट्रैक्टर निम्नलिखित हैं:

  • महिंद्रा जियो 305 डीआई 4डब्ल्यूडी
  • महिंद्रा युवाराज 215 एनएक्सटी
  • मैसी फर्ग्यूसन 6028 4डब्ल्यूडी
  • कैप्टन 280 4डब्ल्यूडी

कीवी की उन्नत किस्में || Kiwi Production

भारत में सबसे अधिक मांग कीवी की हेवर्ड किस्म की होती है; अन्य उन्नत किस्मों में हेवर्ड, एलीसन, टुमयूरी, एबॉट, मोंटी और ब्रूनो शामिल हैं।

कीवी खेती करते समय ध्यान देने योग्य कुछ

किसान भाइयों को कीवी खेती करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के इस लेख में कीवी खेती करते समय ध्यान रखने वाले कुछ महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा करेंगे।

कीवी उत्पादन: जलवायु और जमीन

Kiwi Production : जनवरी का महीना कीवी की खेती के लिए सबसे अच्छा है। कीवी खेती के लिए समुद्र तल से ऊंचाई 1000 से 2000 मीटर के बीच होती है। कीवी की खेती में ठंडी जलवायु अच्छी होती है, जबकि गर्म और तेज हवा बुरी होती है। पौधे को रोपण करते समय 15 डिग्री सेल्सियस का तापमान होना चाहिए। गर्मियों में भी 30 डिग्री से अधिक तापमान नहीं होना चाहिए। कीवी के पौधे में फल आने के लिए 5 से 7 डिग्री का तापमान होना चाहिए।

कीवी को खेती करने के लिए हल्की अम्लीय मिट्टी और गहरी दोमट मिट्टी उपयुक्त हैं। पौधा रोपण से पहले मिट्टी का pH मान जांचें। कीवी की खेती के लिए pH 5–6 होना चाहिए। कीवी के पेड़ की कलम लगाने के लिए 1:2:1:1 के अनुपात में बालू, सड़ी खाद, मिट्टी, लकड़ी का बुरादा और कोयले का चूरा मिलाना चाहिए।

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Kiwi Production || कीवी खेती: पौध की तैयारी कैसे करें?

कीवी खेती में पौध सामानतय: तीन तरह से बनाया जा सकता है

  • बडिंग विधि
  • ग्राफ्टिंग
  • लेयरिंग विधि
  1. बडिंग विधि : इस तरह कीवी की पौध तैयार करना सबसे अच्छा है। इस विधि में कीवी के बीजों को निकालकर साफ करके सुखा लें। सुखाने के एक सप्ताह बाद बीज बोएँ। बुवाई के बाद एक सप्ताह के लिए सीधी धूप न पड़े, इसलिए नर्सरी को अंदर ही रखें। इसके बाद पौध को क्यारियों पर मल्चिंग करके जुलाई तक छाया रहने दें। जब पौधे में चार से पांच पत्ते आ जाएंगे, तो इसे मई या जून महीने में नर्सरी में लगाया जा सकता है।
  2. ग्राफ्टिंग : कीवी की पौध को कलम या ग्राफ्टिंग करने के लिए एक साल पुरानी शाखाओं को काट लेना चाहिए। इसमें कम से कम दो या तीन कलियां होनी चाहिए। इन शाखाओं की लंबाई लगभग १५ से २० सेमी होनी चाहिए। 1000 पीपीएम आईबी रूट ग्रोथ हार्मोन डालकर मिट्टी में डालें। याद रखें कि कलम गाड़ने के बाद इसे हिलना नहीं चाहिए और सीधी तेज धूप में भी नहीं लगना चाहिए। जनवरी में कलम विधि से कीवी की पौध तैयार करना चाहिए। एक साल बाद, कलम विधि से निर्मित पौधा रोपाई के लिए तैयार हो जाता है।
  3. लेयरिंग विधि : कीवी की एक साल पुरानी शाखा चुनें और चारों ओर एक इंच छाल हटा दें। इसके बाद उसे अच्छी तरह से मिट्टी से ढक दें। हवा इसमें नहीं जानी चाहिए। करीब एक महीने के भीतर, इसमें से नस्से निकलने लगेंगे। इसके बाद, इस शाखा को मुख्य पौध से अलग करके नए स्थान पर लगाना चाहिए। इसे मुख्य पौधे से निकालते समय ध्यान रखें कि शाखा चिरनी नहीं चाहिए; इसे ठीक नीचे से काटें, जहां मिट्टी बांधी थी।

Kiwi Production || कीवी खेती: पौधों का रोपण और सिंचाई

पौधों का रोपण : यदि आपकीवी की खेती में उच्च गुणवत्ता वाले फल उत्पादन करना चाहते हैं, तो आपको नर्सरी में उच्च गुणवत्ता और वैराइटी वाले पौधों का रोपण करना चाहिए। कीवी के पौधों को एक लाइन में रोपण करें। लाइन से लाइन और पौधे से पौधे के बीच छह मीटर की दूरी रखें। रोपण करने के लिए एक गड्ढा खोदें और उसे कुछ दिनों के लिए खुला छोड़ दें, ताकि मिट्टी के कीड़े मकोड़े मर जाएं। गड्ढ़ों को 20 से 25 सेमीमीटर की ऊंचाई तक ट्रायकोडर्मा या गोबर की खाद से भरें। अब पौधों को रोपण करें और गड्ढ़ों को अच्छे से भरें। ध्यान रहे कि इन पौधा बसंत की शुरुआत में रोपण करें।

सिंचाई :कीवी के पौधे लगाने के बाद उन्हें तुरंत सिंचाई दें। गर्मी के मौसम में 3 से 4 दिन के अंतराल से सिंचाई करें; सिंचाई नहीं करने पर फल की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। आप अपने खेत को ड्रिप सिंचाई या स्प्रिंकलर के माध्यम से अच्छी तरह से सिंचाई कर सकते हैं।

कीवी खेती: कीवी की खेती में फल आने का समय और तुड़ाई

कीवी के पेड़ 2-3 वर्षों में फल नहीं देते, और 5 वर्ष के बाद फल लगने लगते हैं। 10 साल बाद, कीवी के पेड़ बहुत अधिक फल देना शुरू कर देते हैं। 40 से 60 किलो कीवी फल प्रति पेड़ का उत्पादन होता है। फल पकने के बाद अक्टूबर से नवंबर तक आप इसकी तुड़ाई कर सकते हैं। कीवी के फल को तोड़कर चार महीने तक रख सकते हैं, लेकिन कृपया ठंडे स्थान पर रखें।

कीवी खेती: कीवी से बचाव

जब बात कीवी के पौधे के रोगों और उनसे बचाव की आती है, तो वैसे तो कीवी को कोई विशिष्ट बीमारी नहीं होती, लेकिन जलभराव से जड़ गलने की संभावना बढ़ जाती है। कीवी खेती में जलभराव से बचने के लिए खेत में उचित जल निकासी प्रणाली बनाएं। कीवी में पौधे का विकास भी कालर रॉट और क्राउन रॉट रोग से प्रभावित होता है। कीवी के पौधे को इन रोगों से बचाने के लिए जीवाणुनाशक का छिड़काव कली खिलने से पहले अवश्य करना चाहिए।

कीवी खेती: कीवी की खेती से कमाई और कीवी फल की कीमत || Kiwi Production

Kiwi Production : कीवी की खेती से अच्छी कमाई हो सकती है। तुड़ाई के बाद कीवी का फल चार महीने तक ठंडे स्थान पर रखा जा सकता है क्योंकि यह टिकाऊ है। यही कारण है कि एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने पर कोई नुकसान नहीं होता। किसानों को कीवी की खेती से लाखों रुपये मिल सकते हैं अगर वे कीवी फल बेचते हैं। कीवी बाजार में प्रति पीस की जगह प्रति किलो बिकता है। 50 से 60 रुपये तक आसानी से कीवी फल बिकते हैं। एक हैक्टेयर में कीवी की खेती करके हर साल 10 से 15 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं।

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